Monday 12 April 2021

भारत को इस्लामी मुल्क बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे सभी मुस्लिम, अब घोषित हो हिंदू राष्ट्र’: केरल के 7 बार के MLA ने लव जिहाद भी कबूला

 12 April, 2021

केरल के विधायक PC जॉर्ज ने राज्य में ‘लव जिहाद’ की वास्तविकता को न सिर्फ स्वीकार किया है, बल्कि ये भी कहा है कि भारत को अब ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि देश के सभी मुस्लिम मिल कर भारत को एक इस्लामी मुल्क बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है। उन्होंने केरल के इडुक्की स्थित थोडुपुझा में ये बातें कही।

उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली NGO ‘HDRC इंडिया’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत को तुरंत ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि मुस्लिम समाज 2030 तक इसे इस्लामी मुल्क बनाने के काम पर लगा हुआ है। PC जॉर्ज ने कहा कि ये काम तेज़ी से चल रहा था, लेकिन बीच में PM मोदी ने जिस तरह से नोटबंदी की, उससे ये प्रक्रिया धीमी हो गई। उन्होंने कहा, “लव जिहाद वास्तविक है।”

इस दौरान PC जॉर्ज ने फ्रांस सहित अन्य यूरोपियन देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से ईसाई देश में घुसपैठ कर मुस्लिम जबरन इस्लाम कबूल करवा रहे हैं, ताकि उन्हें इस्लामी मुल्क बनाया जा सके- ये भयावह है। उन्होंने पूछा कि क्या भारत को किसी समुदाय विशेष के पास जाने दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है और किसी को तो आवाज़ उठानी ही पड़ेगी।

PC जॉर्ज ने कहा, “दुनिया भर के अन्य देशों को देखिए। कई पूँजीवादी राष्ट्र हैं तो कितने ही गरीब देश भी हैं। फिर आ जाते हैं भारत जैसे देश, जो तीसरी दुनिया का हिस्सा हैं। सभी देश किसी न किसी मजहब को प्राथमिकता देते हैं। अरब मुल्कों की बात करें तो वहाँ इस्लाम न सिर्फ आधिकारिक मजहब है, बल्कि जो भी चीज इस्लामी नहीं है उसे अनुचित माना जाता है। अमेरिका जैसे भी इस जाल में फँस रहे हैं, लेकिन चीजें अब बदल रही हैं।”

उन्होंने कहा फ्रांस जैसे कई ईसाई देश का अतिक्रमण कर उसे इस्लामी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘लव जिहाद’ की वास्तविकता से इनकार किया है, लेकिन वे जानते हैं कि ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन सारी समस्याओं का एक ही समाधान है- भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना। PC जॉर्ज इससे पहले भी विवादों में रहे हैं। केरल की महिला आयोग की अध्यक्ष ने उन पर धमकी देने के आरोप लगाए थे।

बता दें कि पिछले 31 वर्षों में 7 बार विधायक चुने जाने वाले प्लनथोट्टाथिल चाको जॉर्ज 2011-15 में कॉन्ग्रेस की सरकार के दौरान केरल विधानसभा के चीफ व्हिप भी रहे हैं। उन्होंने 1 बार KEC (1980), 1 बार JNP (1982), 3 बार KEC-M (1996, 2001, 2006), 1 बार निर्दलीय (2011) और 2016 में केरल कॉन्ग्रेस (M) से चुनाव जीता। उन्होंने 4 मलयालम फिल्मों में भी काम किया है, जिनमें से एक में उन्हें CM, एक में नेता प्रतिपक्ष और एक में पुलिस अधिकारी का किरदार मिला था।

https://hindi.opindia.com/politics/kerala-mla-pc-george-claiming-muslims-plan-to-make-india-islamic-country-love-jihad-hindu-rashtra/

कुम्भ और तबलीगी जमात के बीच ओछी समानता दिखाने की लिबरलों ने की जी-तोड़ कोशिश, जानें क्यों ‘बकवास’ है ऐसी तुलना

 कुम्भ और तबलीगी जमात के बीच ओछी समानता दिखाने की लिबरलों ने की जी-तोड़ कोशिश, जानें क्यों ‘बकवास’ है ऐसी तुलना


उत्तराखंड के हरिद्वार में 1 अप्रैल से कुंभ मेला चल रहा है। मेले के भव्य दृष्य को देखकर इंटरनेट पर लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। दुर्भावनापूर्ण इरादे के साथ सोशल मीडिया पर सेक्युलरों ने कुंभ की तुलना निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात से की है।

जबकि दोनों ही घटनाओं में साफ मूलभूत अंतर है। बावजूद इसके देश के तथाकथित सेक्युलर फैब्रिक को बचाने के नाम पर सोशल मीडिया पर एक हताशा वर्ग इसे तबलीगी जमात से जोड़ने में लगा है। ये लिबरल-वामपंथी और कट्टरपंथियों का समूह गलत सूचनाओं के आधार पर इसे कोरोना नियमों का उल्लंघन साबित करते हुए अपना प्रोपेगेंडा सेट करने में लगा है।

उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले के आयोजन को सख्त नियमों के पालन के साथ अनुमति दी है। यहाँ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। मेले में आने से पहले लोगों को कोरोना के आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए, जो कि 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो। यही कारण है कि इस वर्ष भीड़ पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम है।

इसके अलावा उत्तराखंड में प्रवेश करने के सभी रास्तों पर सरकार ने कोविड-19 टेस्ट सेंटर बनाए हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्री के पास या तो पहले से कोरोना नेगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट हो या स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसकी जाँच कराई जाएगी। हर की पौड़ी में सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाए गए हैं। इसके अलावा विशेष कोविड -19 आईसोलेशन सेंटर भी बनाए गए हैं।

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की समयसीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। इसीलिए, कोरोना संक्रमण संभावित संक्रमण को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। जबकि पिछले साल मरकज निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात वालों ने ऐसी किसी भी सावधानी का पालन नहीं किया था।

वो महामारी का शुरुआती दौर था और उस दौरान कोरोना वायरस का फैलाव उतना नहीं था, जितना अभी है। जमातियों ने कोरोना के नियमों का सही तरीके से पालन नहीं किया था, जिस कारण हजारों लोग संक्रमित मिले थे।

मरकजी जमातियों ने जानबूझकर संक्रमण के हालात को बदतर बनाने के लिए इसे छिपाए रखा। निजामुद्दीन मरकज के लोगों ने कोरोना वायरस को देशभर में फैलाया। अधिकारियों की अपील के बावजूद मरकजी सामने नहीं आए।

लेकिन, जब प्रशासन ने इन जमातियों को ट्रेस कर लिया तो इन्होंने हिंसा की, क्योंकि ये लोग खुद को आईसोलेट नहीं करवाना चाहते थे। यहाँ तक ​​कि जिन लोगों को अस्पतालों और आईसोलेशन सेंटरों पर रखा गया था, वहाँ भी इन शांतिदूतों ने घृणित आचरण का परिचय दिया था। इन्होंने नर्सों का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की और डॉक्टरों पर संक्रमण फैलाने के उद्देश्य से थूका।

तबलीगी जमात की इन्हीं हरकतों की वजह से उनकी छवि पूरी तरह से नकारात्मक हो गई। अगर तबलीगी जमातियों का मामला केवल निजामुद्दीन के मरकज तक ही सीमित होता तो शायद लोगों की संवेदनाएं इनके साथ होतीं। लेकिन, इन्होंने गाजियाबाद के अस्पताल में बहुत ही घटिया हरकत की थी। ये न केवल पूरे अस्पताल में नग्न होकर घूमते थे, बल्कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की थी। जमातियों ने खुले में शौच किया और पूरे सरकारी तंत्र को चुनौती दे दी थी।

उदाहरण के तौर पर दिल्ली में कई बार जमातियों के स्वास्थ्यकर्मियों पर थूकने की घटनाएं सामने आईं। कानपुर में जमातियों ने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। कुछ स्थानों इन्होंने गोमांस तक की माँग की। ये कुछ घटनाएं हैं बाकी इनके कारनामों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है।

इसके उलट कुंभ मेले में इस तरह की कोई भी घटना नहीं हुई है। यहाँ भक्त धार्मिक आयोजनों को देखने के लिए आते हैं और धार्मिक ज्ञान का लाभ उठाते हैं। जो लोग कुंभ जैसे पवित्र मेले की तुलना जमातियों से करते हैं उन्हें इनकी हरकतों के बारे में जानना चाहिए।

इसके अलावा इस बात के भी सबूत हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण बंद स्थानों की अपेक्षा खुली जगहों में काफी कम होता है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि कुंभ मेले में भीड़ बाहर खुले आसमान के नीचे है। जबकि, मरकज निजामुद्दीन के मरकजी बिल्डिंग के अंदर थे।

https://hindi.opindia.com/opinion/media-opinion/kumbh-mela-and-tablighi-jamaat-gathering-are-not-the-same-coronavirus-covid-19/

‘गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा’: यति नरसिंहानंद के खिलाफ मुस्लिम बच्चों ने लगाए नारे, वीडियो वायरल

 12 April, 2021

पैगम्बर मुहम्मद के खिलाफ विवादित बयानबाजी करने वाले डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ सोमवार को मुस्लिम बच्चों ने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए। दरअसल, पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर महंत की गर्दन काट देने की बात की थी। तब से लाखों मुसलमानों मुहम्मद के खिलाफ विवादित बयान देने के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग कर रहे हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें छोटे बच्चे कथित ईशनिंदा के लिए महंत का सिर धड़ से अलग करने के लिए नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।

ट्विटर पर वायरल हो रहे इस वीडियो में बच्चों के समूह को स्वामी यति नरसिंहानंद की निंदा करने के लिए कहा गया। ये बच्चे 7 या 8 साल से अधिक उम्र के नहीं दिखते हैं। वे स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक पोस्टर को हाथ में लेकर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में बच्चे “गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा” कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। बच्चों ने नारे लगाए कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वाले के लिए केवल एक ही सजा है और वह है उसका सिर धड़ से अलग कर देना चाहिए।

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने आप विधायक अमानतुल्ला खान की शिकायत पर हाल ही में महंत नरसिंहानंद के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। खान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कार्रवाई के बावजूद अमानतुल्ला खान की पोस्ट ने हिंदू पुजारी के जीवन को भारी जोखिम में डाल दिया है। जब से खान सोशल मीडिया पर शेयर की गई वीडियो वायरल हुई है, तब से हजारों मुस्लिम उनकी हत्या की वकालत कर रहे हैं।

बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भी FIR दर्ज की है। अमानतुल्लाह पर ये एफआईआर यति नरसिंहानंद सरस्वती का गला काटने की बात कहने के आरोप में दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि शुक्रवार 9 अप्रैल 2021 को नमाज के बाद बड़ी संख्या में मुसलमान बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में जमा हुए। इस दौरान उन्होंने यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। मौलवियों ने म​हंत का सिर काटकर अलग करने के नारे लगाए और उनकी गिरफ्तारी को लेकर भाषण दिया। कई मुसलमानों ने ट्विटर पर घटना का वीडियो साझा किया, जहाँ उन्होंने यति नरसिंहानंद को ‘भगवा आतंकवादी’ बताया था।

उसी दिन मध्य प्रदेश की बालाघाट पुलिस ने शहर के जामा मस्जिद रोड में यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पोस्टर लगाने वाले मुस्लिम समुदाय के 4 लोगों मतिन अजहरी, कासिम खान, सोहेब खान और रजा खान को गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि एक वीडियो सामने आने के बाद से मुसलमान यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग कर रहे हैं। यति नरसिंहानंद ने हाल ही में प्रेस क्लब में अपने वक्तव्य में पैगंबर मोहम्मद के लिए विवादित टिप्पणी की थी। इसके अलावा इस्लाम धर्म के बारे में भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

बता दें, साल 2020 में फ्रांस में पैगंबर मुहम्‍मद के कार्टून विवाद में एक टीचर का मुस्लिम व्यक्ति ने सिर कलम कर दिया था। 2019 में हिंदू महासभा नेता कमलेश तिवारी की मुहम्मद की आलोचना करने उनके कार्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2015 और 2016 की शुरुआत में लाखों मुसलमानों ने सार्वजनिक रूप से कमलेश तिवारी की हत्या के लिए भारत के कई शहरों में सड़कों पर उतरे थे। इस्लामी नेताओं, राजनेताओं और इमामों द्वारा हत्या के नारे लगाने वालों को प्रोत्साहित भी किया गया था।

https://hindi.opindia.com/national/muslim-children-seen-raising-sar-tan-se-juda-slogans-against-yati-narsinghanand-muhammad-watch/

हिंदू लड़के को डेट करने की सजा, पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की को माता-पिता ने दी जान से मारने की धमकी: इटली पुलिस ने बचाया

 हिंदू लड़के को डेट करने की सजा, पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की को माता-पिता ने दी जान से मारने की धमकी: इटली पुलिस ने बचाया

कट्टरपंथी मुसलमान किस हद तक हिंदुओं से नफरत करते हैं इसका एक और उदाहरण इटली में दिखा है, जहाँ एक पाकिस्तानी लड़की को हिंदू लड़के से रिश्ता रखने की सजा मिली। ANSA की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार (8 अप्रैल) को उस लड़की को इटैलियन पुलिस इटली में ओरज्जो शहर के टस्कनी से बचाया। यहाँ हिंदू लड़के के साथ डेटिंग करने के मामले में लड़की को उसके ही घर में बंद कर दिया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम लड़की लगभग एक साल से एक हिन्दू लड़के को डेट कर रही थी। लेकिन, उसके माता-पिता को जैसे ही पता चला कि वो जिसे डेट कर रही है वो हिंदू है, उसके बाद उस पर कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी गईं। पीड़िता के मुताबिक, उसे घर में नजरबंद रखा गया था। लड़की के माता-पिता ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया था और कभी-कभार ही उसे अभिभावकों की देखरेख में बाहर जाने की अनुमति मिलती थी।

वापस पाकिस्तान ले जाने की दी थी धमकी

लड़की के माता-पिता ने उसे धमकी दी थी कि अगर वो हिंदू लड़के से किसी भी तरह का संबंध रखती है, तो उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। इतना ही नहीं मुस्लिम लड़की और उसके हिंदू दोस्त को उसके माता-पिता ने उनकी बात नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक घर में नजरबंदी के दौरान लड़की को कंप्यूटर के इस्तेमाल की इजाजत थी, जिसका उपयोग वो दूरस्थ शिक्षा के लिए करती थी।

ईमेल भेजने के बाद पुलिस ने लड़की को बचाया

घर में नजरबंदी के दौरान माता-पिता की बार-बार जान से मारने की धमकियों से तंग आकर लड़की ने कैराबिनिरी पुलिस को एक ईमेल कर दिया। हाउस अरेस्ट की सूचना मिलने के बाद लड़की के घर पहुँची पुलिस ने उसे मुक्त कराया।

माता-पिता की गिरफ्त से उसे मुक्त कराने के बाद पुलिस ने लड़की को चिल्ड्रेन होम में शिफ्ट कर दिया है। इस बीच पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इस मामले में लड़की के भाइयों और पिता सहित परिवार के सदस्यों को आरोपित बनाया जा सकता है।


https://hindi.opindia.com/reports/international/pakistani-girl-threaten-to-death-by-her-parents-dating-hindu-boy/

Sunday 11 April 2021

गर्दन काटने की धमकी के बाद नरसिंहानंद सरस्वती के विरोध में AMU में

 गर्दन काटने की धमकी के बाद नरसिंहानंद सरस्वती के विरोध में AMU में

प्रदर्शन का ऐलान
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पैगंबर मोहम्मद को कुछ बोल दिया… भीड़ ने ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाते हुए
बूढ़ी माँ के सामने पत्थर से मारते-मारते जला कर मार डाला
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अमानतुल्लाह खान के खिलाफ UP पुलिस से FIR के लिए कपिल मिश्रा की अपील:
नरसिंहानंद की गर्दन काटने की दी थी धमकी
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आर्य समाज नहीं फले-फूले… इसलिए हुई पंडित लेख राम की हत्या: सड़क पर
हिंसा, दंगा को इस्लामी कट्टरपंथियों ने बनाया हथियार
https://muslimsdevilsworknewspaperclipping.blogspot.com/2021/04/blog-post_4.html

Sunday 4 April 2021

गर्दन काटने की धमकी के बाद नरसिंहानंद सरस्वती के विरोध में AMU में प्रदर्शन का ऐलान

 गर्दन काटने की धमकी के बाद नरसिंहानंद सरस्वती के विरोध में AMU में प्रदर्शन का ऐलान


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों ने डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के कथित इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद विरोधी टिप्पणी विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया है। प्रदर्शन रविवार (4 अप्रैल) को शाम 5 बजे बुलाया गया है।

प्रदर्शन से जुड़ा हुआ एक संदेश सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, “पैगंबर मोहम्मद की खिलाफत में नरसिंहानंद सरस्वती के द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान के विरोध में 4 अप्रैल 2021 को प्रदर्शन किया जाएगा।”  

इस वायरल हो रहे संदेश में लिखा है कि प्रदर्शन विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी कैंटीन से शुरू होकर डक प्वाइंट तक जाएगा। इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने सोशल मीडिया में यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ जान से मार देने की धमकी वाला एक पोस्ट भी लिखा था।

अमानतुल्लाह ने यति के विरुद्ध शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने यति नरसिंहानंद सरस्वती के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी। वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने यूपी पुलिस से अमानतुल्लाह के विरुद्ध कार्यवाई करने की माँग की है। अमानतुल्लाह ने सोशल मीडिया पर नरसिंहानंद की गर्दन काटने की धमकी दी थी।