उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित मुस्लिम बहुल क्षेत्र डासना के शिव-शक्ति मंदिर में आसिफ नाम के एक किशोर की पिटाई के बाद मंदिरों को बदनाम करने का सिलसिला चल पड़ा है। लेकिन, जिस तरह से महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ तथ्यों के जरिए वामपंथी मीडिया गिरोह की बखिया उधेड़ी है, उसके बाद से कई दावे सामने आए हैं। अब श्रृंगी यादव ने आरोप लगाया है कि आसिफ शिवलिंग पर पेशाब कर रहा था।
‘सुदर्शन न्यूज़’ से बात करते हुए श्रृंगी यादव ने बताया कि वो लड़का झूठ बोल रहा है कि वो पानी पीने के लिए मंदिर के भीतर घुसा था। उन्होंने कहा कि मंदिर में कई शिवलिंग मौजूद हैं। आसिफ को पीटने के मामले में गिरफ़्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए श्रृंगी यादव ने बताया कि उसने उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। साथ ही इस तथ्य को दोहराया कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।
उन्होंने बताया कि आसिफ के साथ एक और लड़का था, जो टोपी पहन कर आया हुआ था। चश्मदीद रहे श्रृंगी ने बताया कि उसने उस लड़के को ही सबसे पहले देखा था, जो दरवाजे पर खड़ा था। उन्होंने कहा कि वो लड़का अपनी पैंट की चेन खोल कर गलत हरकतें कर रहा था। उस समय कई हिन्दू महिला श्रद्धालु भी मंदिर में आए हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लड़के अक्सर उलटी-सीधी हरकतें करने के लिए आते रहते हैं।
मंदिर के आसपास मुस्लिम समाज के युवकों द्वारा छेड़खानी का आरोप दोहराते हुए यादव ने कहा कि कुछ दिनों पहले दारुल उलूम देवबंद से कुछ लड़के आए थे और उन्होंने अपना नाम गलत बताया था। चेतावनी दिए जाने के बाद वो चले गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ दी दिनों पहले भगवन परशुराम की प्राचीन प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई थी। साथ ही ये भी कहा कि यहाँ मंदिर के पास आकर लड़के गुंडागर्दी करते हैं।
वहीं ‘पाञ्चजन्य’ से बातचीत करते हुए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले 5 दिनों से सभी लोग मंदिर के पीछे पड़े हुए हैं और कह रहे है कि पानी पीने आए बच्चे को पीट दिया। उन्होंने कहा कि ये बात अगर होती तो ये बुरी बात है लेकिन वो हिन्दुओं से कहना चाहते हैं कि क्या सच में वो पानी पीने आया था? उन्होंने कहा कि बाहर से दिखाई भी नहीं देता है कि अंदर कोई नल है। उन्होंने कहा कि वो उसे ‘बच्चा’ नहीं मानते।
इसके बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बताया कि उनके शिष्य श्रृंगी यादव ने जमानत पर छूटने के बाद उन्हें सच्चाई बताई है कि असल में आसिफ मंदिर में शिवलिंग पर पेशाब कर रहा था। इसके बाद श्रृंगी यादव ने उसे पकड़ा। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे भगवान इसीलिए हैं ताकि उनके ‘बच्चे’ आकर पेशाब करें? उन्होंने कहा कि 95% मुस्लिमों वाले इलाके में मंदिर में उनके प्रवेश का बोर्ड लगाना उनकी मजबूरी है।
यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले 15 वर्षों से वहाँ महंत हैं। उन्होंने हिन्दुओं को अपनी पीड़ा समझने की बात करते हुए पुलिस पर आरोप लगाए कि मंदिर में 4 बार डकैती की घटनाओं में कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वो मुस्लिमों के दबाव में थे। उन्होंने कहा कि बसपा विधायक असलम चौधरी ने भी देख लेने की धमकी दी है। उनके अनुसार वहाँ लोग रोज नरक झेल रहे हैं, उसे महसूस करना और दूर से सहानुभूति जताने में अंतर है।
हाल ही में विधायक असलम चौधरी ने कहा था, “डासना मंदिर हमारे पूर्वजों का मंदिर है। यह मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया है। यहाँ पर कुछ गुंडे प्रवृत्ति के लोग आ गए। कुछ लोगों ने बाहर से आकर मंदिर पर कब्जा करना चाहा और तरह-तरह की एक्टीविटी करके यहाँ के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। हम इन गुर्गों को बताना चाहेंगे कि मंदिर हमारी विरासत है। हम पानी पीने भी जाएँगे, अपनी मंदिर की देख-रेख करने भी जाएँगे। मैं मंदिर में जाऊँगा। मैं देखता हूँ कि कौन रोकता है।”
संदर्भ : OpIndia
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