पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर टीचर सस्पेंड क्यों, नौकरी दो उन्हें…
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पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर टीचर सस्पेंड क्यों, नौकरी दो उन्हें…
कट्टरपंथियों के खिलाफ हजारों लोगों का अभियान
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित मुस्लिम बहुल क्षेत्र डासना के शिव-शक्ति मंदिर में आसिफ नाम के एक किशोर की पिटाई के बाद मंदिरों को बदनाम करने का सिलसिला चल पड़ा है। लेकिन, जिस तरह से महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ तथ्यों के जरिए वामपंथी मीडिया गिरोह की बखिया उधेड़ी है, उसके बाद से कई दावे सामने आए हैं। अब श्रृंगी यादव ने आरोप लगाया है कि आसिफ शिवलिंग पर पेशाब कर रहा था।
‘सुदर्शन न्यूज़’ से बात करते हुए श्रृंगी यादव ने बताया कि वो लड़का झूठ बोल रहा है कि वो पानी पीने के लिए मंदिर के भीतर घुसा था। उन्होंने कहा कि मंदिर में कई शिवलिंग मौजूद हैं। आसिफ को पीटने के मामले में गिरफ़्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए श्रृंगी यादव ने बताया कि उसने उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। साथ ही इस तथ्य को दोहराया कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।
उन्होंने बताया कि आसिफ के साथ एक और लड़का था, जो टोपी पहन कर आया हुआ था। चश्मदीद रहे श्रृंगी ने बताया कि उसने उस लड़के को ही सबसे पहले देखा था, जो दरवाजे पर खड़ा था। उन्होंने कहा कि वो लड़का अपनी पैंट की चेन खोल कर गलत हरकतें कर रहा था। उस समय कई हिन्दू महिला श्रद्धालु भी मंदिर में आए हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लड़के अक्सर उलटी-सीधी हरकतें करने के लिए आते रहते हैं।
मंदिर के आसपास मुस्लिम समाज के युवकों द्वारा छेड़खानी का आरोप दोहराते हुए यादव ने कहा कि कुछ दिनों पहले दारुल उलूम देवबंद से कुछ लड़के आए थे और उन्होंने अपना नाम गलत बताया था। चेतावनी दिए जाने के बाद वो चले गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ दी दिनों पहले भगवन परशुराम की प्राचीन प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई थी। साथ ही ये भी कहा कि यहाँ मंदिर के पास आकर लड़के गुंडागर्दी करते हैं।
वहीं ‘पाञ्चजन्य’ से बातचीत करते हुए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले 5 दिनों से सभी लोग मंदिर के पीछे पड़े हुए हैं और कह रहे है कि पानी पीने आए बच्चे को पीट दिया। उन्होंने कहा कि ये बात अगर होती तो ये बुरी बात है लेकिन वो हिन्दुओं से कहना चाहते हैं कि क्या सच में वो पानी पीने आया था? उन्होंने कहा कि बाहर से दिखाई भी नहीं देता है कि अंदर कोई नल है। उन्होंने कहा कि वो उसे ‘बच्चा’ नहीं मानते।
इसके बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बताया कि उनके शिष्य श्रृंगी यादव ने जमानत पर छूटने के बाद उन्हें सच्चाई बताई है कि असल में आसिफ मंदिर में शिवलिंग पर पेशाब कर रहा था। इसके बाद श्रृंगी यादव ने उसे पकड़ा। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे भगवान इसीलिए हैं ताकि उनके ‘बच्चे’ आकर पेशाब करें? उन्होंने कहा कि 95% मुस्लिमों वाले इलाके में मंदिर में उनके प्रवेश का बोर्ड लगाना उनकी मजबूरी है।
यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले 15 वर्षों से वहाँ महंत हैं। उन्होंने हिन्दुओं को अपनी पीड़ा समझने की बात करते हुए पुलिस पर आरोप लगाए कि मंदिर में 4 बार डकैती की घटनाओं में कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वो मुस्लिमों के दबाव में थे। उन्होंने कहा कि बसपा विधायक असलम चौधरी ने भी देख लेने की धमकी दी है। उनके अनुसार वहाँ लोग रोज नरक झेल रहे हैं, उसे महसूस करना और दूर से सहानुभूति जताने में अंतर है।
हाल ही में विधायक असलम चौधरी ने कहा था, “डासना मंदिर हमारे पूर्वजों का मंदिर है। यह मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया है। यहाँ पर कुछ गुंडे प्रवृत्ति के लोग आ गए। कुछ लोगों ने बाहर से आकर मंदिर पर कब्जा करना चाहा और तरह-तरह की एक्टीविटी करके यहाँ के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। हम इन गुर्गों को बताना चाहेंगे कि मंदिर हमारी विरासत है। हम पानी पीने भी जाएँगे, अपनी मंदिर की देख-रेख करने भी जाएँगे। मैं मंदिर में जाऊँगा। मैं देखता हूँ कि कौन रोकता है।”
संदर्भ : OpIndia
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से भगवान शिव के दर्शन के लिए काँवड़ लेकर गई महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरोपितों को धर-दबोचने के लिए पुलिस ने 2 टीमों का गठन किया है। आरोप है कि महिला अपने पति के साथ गई थी, लेकिन उसका पड़ोसी अकरम उसे फुसला कर आगरा ले गया और अपने साथी संदीप के साथ मिल कर गैंगरेप किया।
थाना हरदुआगंज क्षेत्र में हुई घटना के बारे में यूपी पुलिस ने बताया है कि अभियोग पंजीकृत कर लिया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता और आरोपित के बीच पूर्व से परिचय था। अलीगढ़ के SSP मुनिराज ने बताया कि महिला ने शिकायत की थी कि पति-पत्नी दोनों काँवड़ लेकर जा रहे थे, उसमें पति आगे निकल गया और महिला पीछे रह गई। आरोपित पीछे से बाइक से आए और लालच दिया कि वो महिला को आगे छोड़ देंगे।
पुलिस के अनुसार, इसके बाद महिला बाइक पर उनके साथ बैठ गई। इसके बाद वो महिला को लेकर कहीं और चले गए। इसके बाद महिला ने थाने में आकर गैंगरेप की FIR दर्ज कराई। महिला को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए भेज दिया गया है। SSP ने जानकारी दी कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर के उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
वहीं ‘लाइव हिंदुस्तान’ की खबर के अनुसार, थकान हो जाने के कारण पीड़िता तालानगरी स्थित एक पेट्रोल पम्प पर आराम कर रही थी, तभी दोनों आरोपित वहां आ धमके। उससे पहले अकरम ने फोन भी किया था और पूछा था कि महिला कहां है? इसके बाद वो बाइक से पहुँच कर और घर छोड़ देने के बहाने आगरा ले गया। अलीगढ़ के हरदुआगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है। अकरम महिला के पड़ोस में किराए पर रहता है।
संदर्भ : OpIndia
एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा गुजरात के सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त करके उसे लूटने वाले इस्लामी आक्रांता महमूद गजनी का गुणगान करता हुआ वीडियो वायरल होने के बाद अब गुजरात पुलिस हरकत में आ गई है। पत्रकार जनक दवे के अनुसार पुलिस ने मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक मौलाना की पहचान हो गई है और उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
इस मुस्लिम शख्स की पहचान इरशाद रशीद के रूप में हुई है। वह 2016 से ‘जमाते आदिला हिंद’ नाम से एक इस्लामी यूट्यूब चैनल चला रहा है। कट्टरपंथी इस्लामवादी अतीत में कई बार हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने और सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने के लिए अपने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर चुका है।
वायरल वीडियो में वो व्यक्ति ‘बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम’ से अपनी बात की शुरुआत करते हुए बताता है कि वो गुजरात के उस सोमनाथ मंदिर के पास आया हुआ है, जिसे कभी महमूद गजनवी और मोहम्मद इब्ने काजिम ने ‘फतह’ किया था। उसने मुस्लिमों को सलाह देते हुए कहा कि हमारे कारनामे रोशन बाग़ के अंदर लिखे हुए हैं और जरूरत है कि अभी वाली नस्ल अपने पूर्वजों के उन कारनामों को पढ़े, जैसे महमूद गजनवी ने दरिया को पार कर के पूरे हिंदुस्तान को ‘फतह’ किया था। उसने कहा कि आज का इतिहास भले ही उन्हें चोर-डाकू या जो भी कहे, लेकिन असली इतिहास उन्हें दीन और इस्लाम का प्रसार करने वाला बताया है।
महमूद गजनवी के महिमामंडन वाला इरशाद रशीद का वीडियो वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी जताई और कट्टरपंथी इस्लामवादी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की।
रोष के बाद, रशीद ने आज अपने चैनल पर एक वीडियो मैसेज अपलोड किया। इसमें उसने वायरल हुए वीडियो के लिए माफी माँगी। रशीद का दावा है कि उसने उस वीडियो को उस समय रिकॉर्ड किया था जब वह 4 मई, 2019 को सोमनाथ मंदिर गया था। उसका कहना है कि छोटे वीडियो की शूटिंग के पीछे उनका उद्देश्य केवल हिंदू मंदिर की प्रशंसा करना था। उसने मीडिया और कुछ सोशल मीडिया यूजर्स पर उसके पुराने वीडियो को विकृत करने और गलत ढंग से पेश कर उसे गलत दिखाने का आरोप लगाया।
इरशाद रशीद ने अपने वीडियो मैसेज में कहा, “मेरा इरादा भारतीयों या मेरे गुजराती भाइयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना या हिंदू पूजा स्थल का अपमान करना नहीं था। चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या चर्च हो, यह सभी हमारे पूजा स्थल हैं। मेरा इरादा मंदिर का अपमान करने या किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था।”
संदर्भ : OpIndia