Tuesday 7 August 2018

मुस्‍ल‍िम युवक की दाढी काटने वाले को ओवैसी की धमकी – ‘हम तुम्‍हें मुसलमान बना कर दाढी रखने को मजबूर कर देंगे’



देश में असहिष्णुता बढने का ढिंढोरा पिटनेवाले ओवैसी इनके इस धर्मांध वक्तव्य के विरोध में एक भी आधुनिकतावादी अपना मुंह नहीं खोलेगा

हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हरियाणा के गुरुग्राम में कथित तौर पर मुस्लिम युवक की दाढी काटनेवाले विवाद पर बयान दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ओवैसी ने अपने भाषण में कहा, ‘‘एक मुस्लिम शख्स की दाढी बना दी गई। जिन्होंने ने भी ये किया, मैं उन्हें और उनके पिता को बता दूं कि यदि आप हमारा गला भी काट दोगे तो भी हम मुस्लिम ही रहेंगे। हम आपको इस्लाम में शामिल करेंगे और आपकी भी दाढी रखवाएंगे !” अपने भाषण में ओवैसी ने राहुल गांधी और मोदीजी के गले मिलने पर भी तंज कसा। ओवैसी ने कहा कि दोनों सिंगल हैं, इसलिए गले मिलते हैं !
वैसे बता दें ओवैसी जिस मामले के बारे में बात कर रहे हैं, वह कुछ दिनों पहले हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था। पुलिस ने बताया था कि ३१ जुलाई को खांडसा गांव का जफरुद्दीन शाम करीब छह बजे हरी नगर में बाल कटाने के लिए नाई की दुकान पर पहुंचा था। इसी दौरान दो अन्य लोग भी सैलून में पहुंचे और जफरुद्दीन से पहले बाल कटवाने के लिए कहा।
इस पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई। जफरुद्दीन के विरुद्ध अपमानजनक धार्मिक टिप्पणी की गई। उन्हें पाकिस्तानी कहकर बुलाया गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दूसरे पक्ष ने कथित तौर पर जफरुद्दीन की दाढी काट दी थी !
स्त्रोत : जनसत्ता

Monday 6 August 2018

आर्टिकल ३५ए पर सुनवाई आज, जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों का बंद


नई देहली : जम्मू-कश्मीर को विशेष शक्तियां देनेवाले संविधान के आर्टिकल ३५-ए की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में आज सुनवाई होगी। कश्मीर घाटी में इसको लेकर तनाव है ! अलगाववादियों ने ३५-ए के समर्थन में बंद बुलाया है। लगभग छह दशक से जारी आर्टिकल ३५-ए को संवेदनशील मसला समझा जाता है और इस पर उच्चतम न्यायालय में जो भी फैसला आए, इसके दूरगामी राजनीतिक नतीजे देखे जा रहे हैं ! बता दें कि आर्टिकल को भेदभावपूर्ण बताते हुए देहली के एनजीओ ‘वी द सिटिजन’ ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।

कश्मीर घाटी में तनाव

कश्मीर घाटी में सुनवाई से एक दिन पहले ही रविवार को अनुच्छेद ३५-ए के समर्थन में कई जिलों में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इसके विरोध में दो दिन के बंद का आवाहन भी किया है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने भारी सुरक्षाबल की तैनाती की है। आर्टिकल को कायम रखने के पक्ष में अलगाववादियों की संस्था जेआरएल (जॉइंट रजिस्टेंट लीडरशिप) ने सोमवार को भी घाटी बंद रखने का ऐलान किया है !
बंद को कारोबारियों और बार असोसिएशन का भी पूरा समर्थन है ! प्रदर्शन के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को दो दिन के लिए रोका गया है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया विभाग ने राज्यपाल प्रशासन को अगाह किया है कि सोमवार को अगर उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद ३५ए पर कोई ‘विपरीत’ फैसला देता है, तो राज्य की पुलिस में ही ‘विद्रोह’ हो सकता है !

क्या है आर्टिकल ३५ए ?

आर्टिकल ३५ए को वर्ष १९५४ राष्ट्रपति आदेश के जरिए संविधान में जोड़ा गया अनुच्छेद ३५ए जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करनेवाली महिला से संपत्ति का अधिकार छीनता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स